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इंस्टिट्यूटो थॉमस जेफ़रसन, स्कूलों का एक ऐसा समुदाय तैयार कर रहा है जो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना जानता हो

इंस्टिट्यूटो थॉमस जेफ़रसन के केरेतारो स्थित कैंपस में हमेशा, सीखने-सिखाने के नए और बेहतर तरीके अपनाने की कोशिश की जाती है, ताकि स्कूल की रोज़ाना की गतिविधियों में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े पूरे समुदाय को शामिल किया जा सके. स्कूल ने हमेशा बच्चों में क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने और एक परिवार की तरह साथ चलने की कोशिश की है. साथ ही, बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और आगे बढ़ने के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए, लर्निंग प्रोसेस में स्कूल और परिवार दोनों की भागीदारी पर ज़ोर दिया है.

वे क्या करना चाहते थे?

  • स्कूल में ऐसा माहौल तैयार किया गया जिसमें नए-नए तरीकों से सोचने, काम करने, और पढ़ने-पढ़ाने में मदद मिले.
  • डिजिटल लर्निंग के तरीके अपनाकर टेक्नोलॉजी को शिक्षकों, अभिभावकों, और छात्र-छात्राओं की रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाया गया.

उन्होंने क्या किया?

  • प्राइमरी, मिडिल, और हाई स्कूल के कुल 80 शिक्षकों को, Google Workspace इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई.
  • स्कूल में 120 Chromebook डिवाइस खरीदे गए.
  • "पेपरलेस क्लासरूम" प्रोजेक्ट के ज़रिए, कक्षाओं में कागज़ के इस्तेमाल के बदले, डिजिटिल लर्निंग का मॉडल अपनाया गया.

नतीजे

  • प्राइमरी, मिडिल, और हाई स्कूल के कुल 700 छात्र-छात्राओं के लिए, Chromebook डिवाइस उपलब्ध कराए गए.
  • स्कूल के कुल 31 शिक्षकों ने सर्टिफ़ाइड ट्रेनर, एजुकेटर लेवल 1, और एजुकेटर लेवल 2 की परीक्षा पास की.
  • 'Google रेफ़रंस स्कूल' का सर्टिफ़िकेट हासिल किया

चुनौती

इंस्टिट्यूटो थॉमस जेफ़रसन (आईटीजे) ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू किया. साथ ही, छात्र-छात्राओं और स्टाफ़ के लिए, डिजिटल लर्निंग के ऐसे प्लैटफ़ॉर्म उपलब्ध कराए जिनका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है. इस स्कूल को अब डिजिटल लर्निंग मॉडल अपनाने वाला एक आदर्श स्कूल माना जाता है और बाकी स्कूल इससे प्रेरणा लेते हैं.

इसके साथ ही, उन्होंने इस बात को समझा कि अगर उन्हें बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाना है, तो पढ़ाने के ऐसे तरीके अपनाने होंगे जिनसे बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़े और वे नए कौशल सीखें. जैसे, तर्क के साथ सोचना और मिलकर काम करना.

हल

मेक्सिको में इंस्टिट्यूटो थॉमस जेफ़रसन के केरेतारो कैंपस में Google Workspace for Education की सदस्यता, शुरुआत में सिर्फ़ स्कूल स्टाफ़ के लिए ली गई थी. इसका मकसद, बेहतर तरीके से कम्यूनिकेट करने और साथ मिलकर काम करने के लिए प्लैटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना था. साल 2015 में स्कूल ने 'पेपरलेस क्लासरूम' प्रोजेक्ट शुरू किया. "यह एक बहुत बड़ा बदलाव था. इसके तहत, पढ़ाई में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने और उन्हें बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए, तौर-तरीके बदले गए. कक्षा में पढ़ाई के लिए, Chromebook और अन्य मोबाइल डिवाइसों के साथ ही Google Classroom जैसे ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल शुरू किया गया." इस प्रोजेक्ट के लागू होने से, जब छात्र-छात्राओं के नतीजे बेहतर आए और इससे जुड़ने में उनकी रुचि बढ़ने लगी, तो एक साल बाद इस प्रोजेक्ट से कुछ और शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को जोड़ा गया. इस बार उन शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को जोड़ा गया जिन्हें Google Workspace के टूल इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई थी.

स्कूल में इस बदलाव की शुरुआत, पांचवीं कक्षा के शिक्षक/की शिक्षिका, नेय बेलांज़ेरन ने की. वे एक Google for Education सर्टिफ़ाइड इनोवेटर और ट्रेनर हैं. इस बदलाव की वजह से आज यह स्कूल, मेक्सिको के 'Google रेफ़रंस स्कूल' की सूची में चौथे नंबर पर है. "मैंने Google for Education में शामिल सुविधाओं का इस्तेमाल करना, पांच साल पहले सीखा और अपने स्कूल में इनका इस्तेमाल करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का फ़ैसला लिया. शुरुआत में सिर्फ़ पांचवीं कक्षा के मेरे विषय के छात्र-छात्राओं को इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया. इसके लिए, स्कूल मैनेजमेंट से अनुरोध किया और उन्हें बताया कि कक्षा में मौजूदा पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा और परीक्षाओं में उसी से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन पढ़ाई और परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी. दो महीनों तक हमने पढ़ने-पढ़ाने के लिए पेन-पेपर की जगह ऑनलाइन ऐप्लिकेशन और टूल का इस्तेमाल किया. इससे, स्कूल के उसी उम्र के दूसरे बच्चों के मुकाबले, इन बच्चों के नतीजे बेहतर आए. यह एक ऐसा प्रोजेक्ट था जो हम सभी को पसंद आया. इससे, पढ़ाई में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ रही थी और अभिभावक भी खुश थे. इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में, Google for Education सर्टिफ़ाइड इनोवेटर होने के नाते मेरा सुझाव था कि इस प्रोजेक्ट को हम पांचवीं कक्षा के सभी विषयों के लिए आज़माकर देखें, ताकि 100 से भी ज़्यादा बच्चों को इसका फ़ायदा मिल सके. इसके बाद, तीसरे चरण में हमने कक्षा पांचवीं से लेकर बारहवीं तक के बच्चों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा. इस तरह, हमारे स्कूल का नाम 'Google रेफरंस स्कूल' की सूची में शामिल हुआ."

"कुछ नया करने का मतलब है, उस टेक्नोलॉजी का सही और बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना जिसकी मदद से, बच्चों को उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी काम की जानकारी मिलती है. ऐसी जानकारी जिसका इस्तेमाल करके वे बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं"

José Chirinos, भूगोल के शिक्षक/की शिक्षिका

परिवार की मजबूत भावना, और छात्र विकास की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में घर और स्कूल का संयोजन स्कूल के लिए #InnovaParaITJ को बढ़ावा देने के कारण थे। प्रौद्योगिकी के आसपास शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के बीच एक एकीकरण कार्यक्रम। सभी माता-पिता को प्रौद्योगिकी कार्यशालाओं के एक सर्किट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसे छात्रों ने स्वयं अपने शिक्षकों के समर्थन से बनाया और निष्पादित किया था।

"Google for Education टूल ने मेरे शिक्षण अभ्यास को 180 डिग्री बदल दिया है।"

Nay Belaunzarán, कक्षा पांचवीं के शिक्षक/की शिक्षिका. Google सर्टिफ़ाइड ट्रेनर और इनोवेटर

फ़ायदे

अभिभावकों को इस पहल का हिस्सा बनाया गया

आईटीजे के केरेतारो कैंपस में पेडेगॉजिकल प्रोजेक्ट को अपनाया गया, जिसके तहत अभिभावकों को स्कूल की सभी गतिविधियों की जानकारी दी गई और उन्हें इन गतिविधियों में शामिल भी किया गया. इससे स्कूल, छात्र-छात्राओं, और उनके अभिभावकों के बीच आत्मविश्वास और भरोसे का माहौल बन पाया. "मैं देख सकती हूं कि मेरे बच्चों के स्कूल का माहौल, उन बच्चों के स्कूल के माहौल से काफ़ी अलग है जहां Google Classroom का इस्तेमाल नहीं किया जाता. बच्चों के आत्मविश्वास, खुद को प्रजेंट करने के तरीके, और हमेशा कुछ नया सीखने की सोच में भी काफ़ी अंतर है. स्कूल में एक बेहतर माहौल बनाने में शिक्षकों की भूमिका अहम होती है. हालांकि, छात्र-छात्राओं के अनुभव और कुछ नया सीखने में उनकी दिलचस्पी भी बहुत मायने रखती है." मार्ता रूबियो, स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चों की मां.

नए कौशल और सीखने के नए तरीके

पढ़ाई करने और रिसर्च करने के साथ ही नई-नई चीज़ें और नए तरीके खोजने के लिए, आसानी से उपलब्ध टेक्नोलॉजी की मदद से आईटीजे के केरेतारो कैंपस के छात्र-छात्राएं नए कौशल सीखे रहे हैं. #InnovarParaITJ [#InnovateForITJ], के तहत 100 से ज़्यादा लोगों के लिए वर्कशॉप डिज़ाइन करने और चलाने वाली मारिया फ़र्नांडा कहती हैं: "इस प्रोजेक्ट की सबसे अहम बात यह थी कि इससे हमारे अंदर विश्वास जागा कि थोड़ी मेहनत करने और समय देने पर हम जो चाहे सीख सकते हैं." उनके सहकर्मी, जीसुस कहते हैं कि इससे उन्हें एक नया कौशल सीखने को मिला: "मुझे अपनी बात बहुत अच्छे से समझाना नहीं आता, लेकिन इसकी मदद से मुझे यह सीखने को मिला कि किस तरह मैं चीज़ों को बेहतर तरीके से समझा सकता हूं."

पढ़ाने के नए तरीके

कई तरह के टूल का इस्तेमाल करके शिक्षक किसी भी लेसन को अब बेहतर तरीके से पढ़ा पाते हैं: "मैं अब खुद को एक कोच के तौर पर देखता/देखती हूं. इसलिए, अब मैं किसी लेसन को पढ़ाने का अलग और नया तरीका अपनाकर, बच्चों को बेहतर तरीके से समझा पाता/पाती हूं. साथ ही, बच्चे भी अपनी क्षमता और रुचि के मुताबिक अपने तरीके से पढ़ाई कर पाते हैं. अब मैं सिर्फ़ प्रोजेक्ट डिज़ाइन करता/करती हूं, उस पर रिसर्च का काम बच्चे करते हैं. साथ ही, प्रोजेक्ट कैसे डिज़ाइन करना है, यह भी वे ही तय करते हैं." नेय बेलांज़ेरन, शिक्षिका/शिक्षक

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