Google Workspace ने Chromebook के इस्तेमाल और साथ मिलकर काम करने को बढ़ावा दिया
जब शिकागो अकैडमी हाई स्कूल ने Chromebook का इस्तेमाल करना शुरू किया, तब करीब-करीब उसी समय पूरे डिस्ट्रिक्ट में 3,00,000 छात्र-छात्राओं और 25,000 शिक्षकों ने Google Workspace की सेवाओं को अपनाया. कैरोल कहते हैं, “हमने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि हमारा मकसद शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए ज़्यादा खुला और सहयोगी वर्कस्पेस बनाना था.” कई मायनों में, अलग-अलग स्कूलों को अपने फ़ैसले खुद लेने की अनुमति देने से उनका सशक्तीकरण हो रहा था. हालांकि, उनकी अलग-अलग राय की वजह से, सब कुछ मैनेज करना ही मुश्किल हो गया था. इससे शिक्षकों और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ़ के सदस्यों के बीच जानकारी भी शेयर नहीं हो पा रही थी और वे एक-दूसरे से काम करने के बेहतर तरीके नहीं सीख पा रहे थे.
डिस्ट्रिक्ट में FirstClass OpenText ईमेल सिस्टम की जगह Gmail ने ले ली. इससे शिक्षकों और एडमिन को एक-दूसरे से संपर्क और बातचीत करने का एक बेहतर तरीका मिल गया. चौथी और इसके आगे की कक्षाओं के छात्र-छात्राओं का भी Gmail खाता बनाया गया. Google Workspace और Gmail के आने के साथ-साथ डिवाइसों के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर तकनीकी सहायता उपलब्ध होने से, 2015 में स्कूलों में बहुत ज़्यादा Chromebook आने शुरू हुए. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि इन डिवाइसों की मदद से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए Google Workspace के टूल इस्तेमाल करना बहुत आसान है.
साल 2019 के आखिर तक, इस डिस्ट्रिक्ट में Samsung और Dell के 3,00,000 Chromebook जोड़ दिए गए हैं. स्कूल चलाने वालों को अब भी अपनी पसंद की टेक्नोलॉजी चुनने की छूट है. हालांकि, कैरोल कहते हैं, “ज़्यादातर स्कूल Chromebook को चुन रहे हैं. हमें अच्छा लगता है कि ये डिवाइस आसानी से बैकग्राउंड में अपने-आप अपडेट हो जाते हैं, क्योंकि अपडेट होने से ये ज़्यादा सुरक्षित हो जाते हैं. साथ ही, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए यह बहुत फ़ायदेमंद है कि Chromebook तुरंत चालू हो जाते हैं.”
वैसे सीपीएस में Gmail और Chromebook पहले आए थे और हर कक्षा में इस्तेमाल किए जा रहे थे. Google Classroom इनके बाद आया था, लेकिन अब उसका इस्तेमाल सबसे ज़्यादा किया जाता है. कैरोल कहते हैं, “यह बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गया था.” “यह छात्र-छात्राओं के माता-पिता के साथ बेहतर तरीके से बातचीत करने के लिए एक बढ़िया टूल साबित हुआ है, क्योंकि इसी काम को करने में कुछ शिक्षकों को समस्या आती है.” इस ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करने पर माता-पिता को अपने बच्चों से स्कूल के असाइनमेंट और उनकी प्रोग्रेस के बारे में बार-बार अपडेट नहीं लेना पड़ता, क्योंकि वे खुद इसमें सारे अपडेट देख सकते हैं. अब वे फ़ाइनल ग्रेड के अलावा, दूसरी जानकारी भी पा सकते हैं. साथ ही, बच्चे स्कूल की पूरी अवधि के दौरान अपनी परफ़ॉर्मेंस को ट्रैक कर सकते हैं.