फ़ायदे
अभिभावकों को इस पहल का हिस्सा बनाया गया
आईटीजे के केरेतारो कैंपस में पेडेगॉजिकल प्रोजेक्ट को अपनाया गया, जिसके तहत अभिभावकों को स्कूल की सभी गतिविधियों की जानकारी दी गई और उन्हें इन गतिविधियों में शामिल भी किया गया. इससे स्कूल, छात्र-छात्राओं, और उनके अभिभावकों के बीच आत्मविश्वास और भरोसे का माहौल बन पाया. "मैं देख सकती हूं कि मेरे बच्चों के स्कूल का माहौल, उन बच्चों के स्कूल के माहौल से काफ़ी अलग है जहां Google Classroom का इस्तेमाल नहीं किया जाता. बच्चों के आत्मविश्वास, खुद को प्रजेंट करने के तरीके, और हमेशा कुछ नया सीखने की सोच में भी काफ़ी अंतर है. स्कूल में एक बेहतर माहौल बनाने में शिक्षकों की भूमिका अहम होती है. हालांकि, छात्र-छात्राओं के अनुभव और कुछ नया सीखने में उनकी दिलचस्पी भी बहुत मायने रखती है." मार्ता रूबियो, स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चों की मां.
नए कौशल और सीखने के नए तरीके
पढ़ाई करने और रिसर्च करने के साथ ही नई-नई चीज़ें और नए तरीके खोजने के लिए, आसानी से उपलब्ध टेक्नोलॉजी की मदद से आईटीजे के केरेतारो कैंपस के छात्र-छात्राएं नए कौशल सीखे रहे हैं. #InnovarParaITJ [#InnovateForITJ], के तहत 100 से ज़्यादा लोगों के लिए वर्कशॉप डिज़ाइन करने और चलाने वाली मारिया फ़र्नांडा कहती हैं: "इस प्रोजेक्ट की सबसे अहम बात यह थी कि इससे हमारे अंदर विश्वास जागा कि थोड़ी मेहनत करने और समय देने पर हम जो चाहे सीख सकते हैं." उनके सहकर्मी, जीसुस कहते हैं कि इससे उन्हें एक नया कौशल सीखने को मिला: "मुझे अपनी बात बहुत अच्छे से समझाना नहीं आता, लेकिन इसकी मदद से मुझे यह सीखने को मिला कि किस तरह मैं चीज़ों को बेहतर तरीके से समझा सकता हूं."
पढ़ाने के नए तरीके
कई तरह के टूल का इस्तेमाल करके शिक्षक किसी भी लेसन को अब बेहतर तरीके से पढ़ा पाते हैं: "मैं अब खुद को एक कोच के तौर पर देखता/देखती हूं. इसलिए, अब मैं किसी लेसन को पढ़ाने का अलग और नया तरीका अपनाकर, बच्चों को बेहतर तरीके से समझा पाता/पाती हूं. साथ ही, बच्चे भी अपनी क्षमता और रुचि के मुताबिक अपने तरीके से पढ़ाई कर पाते हैं. अब मैं सिर्फ़ प्रोजेक्ट डिज़ाइन करता/करती हूं, उस पर रिसर्च का काम बच्चे करते हैं. साथ ही, प्रोजेक्ट कैसे डिज़ाइन करना है, यह भी वे ही तय करते हैं." नेय बेलांज़ेरन, शिक्षिका/शिक्षक