हल
स्कूल में Google for Education के साथ मिलकर चलाए जा रहे डिजिटल प्रोग्राम, अपरेंदे का शुरू होना एक बहुत बड़ा बदलाव था. खास तौर पर, होसे के लिए. उन्होंने बिना वक्त गंवाएं इस प्रोग्राम के तहत कराए जा रहे सभी ऑनलाइन कोर्स किए. साथ ही, वे कोर्स भी किए जिनके लिए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कक्षा में उपस्थित होना था. "इस प्रोग्राम के ज़रिए मुझे अपनी कक्षा छठवीं के बच्चों के लिए बेहतर तरीके से सीखने के कई अवसर दिखे. इस शैक्षणिक सत्र के अंत में ये बच्चे मिडिल स्कूल में पहुंच जाएंगे. इस प्रोग्राम के ज़रिए मैंने नए कौशल सीखने के साथ ही इन टूल का इस्तेमाल सीखा और सिखाया, ताकि जब बच्चे मिडिल स्कूल में पहुंचे, तो वे इनका इस्तेमाल कर सकें". इस बदलाव की शुरुआत 2018–2019 में हुई जब स्कूल को इस प्रोग्राम के तहत डिवाइस मिले. इससे पहले बच्चों को Google Workspace for Education और Chromebook के बारे में कुछ नहीं पता था. जुलाई 2018 में होसे लुईस, ज़काटेकस में अपने पहले ट्रेनिंग सेशन में शामिल हुए. बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए, वे क्या और कैसे कर सकते हैं, उनके ऐसे सवालों के जवाब उन्हें ट्रेनिंग से मिले. वे मानते हैं कि शुरुआत में बहुत कम समय में बहुत सारी जानकारी एक साथ मिल रही थी. इसलिए, वे अक्सर समझ ही नहीं पाते थे कि हो क्या रहा है. धीरे-धीरे वे और दो अन्य शिक्षक, कॉन्सेप्ट और टूल समझने लगे. उन्हें वक्त इसलिए भी लगा, क्योंकि यह उनके लिए बिल्कुल नया अनुभव था. उन्हें समझ आया कि Google Docs का इस्तेमाल दस्तावेज़ के लिए और Google Sheets का इस्तेमाल स्प्रेडशीट पर काम करने के लिए किया जाता है. धीरे-धीरे उन्हें समझ आया कि वे नए टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं. होसे के मन में सिर्फ़ एक विचार था कि जैसे भी मुमकिन हो उन्हें यह सब सीखना है और अपने छात्र-छात्राओं को सिखाना है. इसके बाद अपना और अपने छात्र-छात्राओं का Google Workspace खाता बनाकर, होसे ने Chromebook और Google Workspace for Education का इस्तेमाल करके सीखने-सिखाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू किया. होसे कहते हैं कि "इसका इस्तेमाल शुरू करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि इसमें हर उपयोगकर्ता का अपना एक अलग खाता होता है, इसका मतलब है कि आप स्टोरेज या मेमोरी की चिंता किए बिना जो चाहें बना सकते हैं. इसके बाद, मैंने अपने छात्र-छात्राओं को कहा कि वे जब भी कंप्यूटर का इस्तेमाल करें, तो अपने खाते से लॉग इन करें." स्कूल में छह में से तीन शिक्षकों ने अपनी तीसरी, पांचवीं, और छठवीं कक्षा के कुल मिलाकर 65 बच्चों के लिए, Google के टूल का इस्तेमाल करना शुरू किया है. स्कूल में कुल 112 बच्चे हैं. कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी कक्षा में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. होसे लुईस कहते हैं कि उनकी कक्षा के बच्चे बहुत आत्मविश्वास के साथ Google Workspace और Chromebook का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हें पता है कि कोई नया दस्तावेज़ कैसे बनाया जाता है. उन्हें Docs में मौजूद अलग-अलग फ़ंक्शन और उनके काम करने के तरीके भी पता हैं. वे प्रोग्रामिंग से जुड़े कुछ काम भी कर चुके हैं. हालांकि, स्कूल में 30% बच्चों को कंप्यूटर इस्तेमाल करना आता है, क्योंकि उनके घर पर कंप्यूटर है, लेकिन बाकी के 70% बच्चों को शिक्षकों ने सिखाया है. होसे लुईस को पता है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अच्छी तरह सीखने-सिखाने में समय लगेगा. हालांकि, वे इस बात से खुश हैं कि हर दिन सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में थोड़ा आगे बढ़ रहे हैं. सीखने के लिए बच्चों के उत्साह से ही उन्हें भी प्रेरणा मिलती है: "इस तरह हम रोज़ कुछ नया और बेहतर सीखते हैं. हालांकि, मुझे पता है कि अभी हमें काफ़ी कुछ सीखना-सिखाना है. टूल का इस्तेमाल करने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चों का उत्साह, मुझे बेहतर तरीके आज़माने के लिए प्रेरित करता है. अब हमारे स्कूल के बच्चे रोज़ स्कूल आते हैं. क्योंकि, मैंने उनसे कहा है कि अगर वे छुट्टी लेंगे, तो कंप्यूटर इस्तेमाल करना नहीं सीख पाएंगे. यह तरीका कारगर साबित हुआ".