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भारत के विशाखापट्टनम में सभी छात्र-छात्राएं डिजिटल कौशल सीख रहे हैं. साथ ही, उनके टेस्ट स्कोर में भी सुधार हुआ है.

Google Future Classroom प्रोग्राम के साथ साझेदारी के तहत, ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम (जीवीएमसी) ने 147 स्कूलों में Chromebook और Google Workspace का इस्तेमाल शुरू किया. इससे हर तबके के छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए, ज़रूरी डिजिटल कौशल सीखने का मौका मिला. साथ ही, सभी विषयों के ग्रेड भी बेहतर हुए.

कक्षा को जोड़ना

Google Future Classroom प्रोग्राम की मदद से, शिक्षक अपने छात्र-छात्राओं को सिखा रहे हैं कि किस तरह से डिजिटल टूल और कौशल का इस्तेमाल करके वे अपने तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं. इस तरह से, छात्र-छात्राएं बेहतर भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं. इस प्रोग्राम के तहत, हर छात्र/छात्रा को एक Chromebook दिया जाता है. साथ ही, Google Workspace for Education और इंटिग्रेट किए गए कंप्यूटर प्रोजेक्टर K-Yan की सुविधा भी दी जाती है. छात्र-छात्राओं को तेलुगु और अंग्रेज़ी, दोनों भाषाओं में कॉन्टेंट मिलता है. बच्चे साथ मिलकर काम करने के लिए Meet का और प्रज़ेंटेशन बनाने के लिए Slides का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, शिक्षक उनके ग्रेड को ट्रैक करने के लिए Sheets की मदद लेते हैं.

इन टूल का साथ में इस्तेमाल करने से सीखने, तर्क के साथ सोचने, और क्रिएटीविटी को बढ़ावा मिल सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकी मदद से छात्र-छात्राएं और शिक्षक, कक्षा में या कक्षा के बाहर, कहीं से भी आसानी से अपना काम शेयर कर सकते हैं, उस पर कॉमेंट कर सकते हैं और उसे प्रज़ेंट कर सकते हैं.

“Google Future Classrooms से, छात्र-छात्राओं में नई चीज़ों को जानने की दिलचस्पी बढ़ी है. अब वे सिद्धांतों को आसानी से समझ जाते हैं. साथ ही, उपलब्ध टूल की मदद से गणित पढ़ाना आसान है. किसी लेसन को सेव करके, उसे दूसरे सेक्शन में दोबारा इस्तेमाल करना मुमकिन है. इसकी वजह से बहुत समय बचता है.”

गौरी शंकर, गणित का शिक्षक

जीवीएमसी में पढ़ाई करने के अवसरों में बढ़त हुई

जीवीएमसी का लक्ष्य है कि वह अपने 147 स्कूलों में पढ़ रहे 21,800 छात्र-छात्राओं की, बढ़िया से बढ़िया शिक्षा पाने में मदद करे. भले ही, वे आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार से ही क्यों न आते हों.

सभी को नई टेक्नोलॉजी का ऐक्सेस देने से, पढ़ाई करने के तरीकों पर बहुत अच्छा असर हुआ है. इसकी वजह से छात्र-छात्राएं मुश्किल चीज़ों को आसानी से समझ सकते हैं. इसके अलावा, अपने साथियों और शिक्षकों के साथ और अच्छी तरह से मिलकर काम कर सकते हैं.

“Chromebook, Google Workspace, और K-Yan डिवाइस इस्तेमाल कर रहे छात्र-छात्राओं के सभी विषयों के ग्रेड में औसतन 15% का सुधार हुआ है. इसी का नतीजा है कि स्कूल में होने वाले दाखिले में, पहले के मुकाबले 12% की बढ़ोतरी हुई है.”

हरि नारायण, आईएएस, कमिश्नर, ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम (जीवीएमसी)

अच्छे ग्रेड की वजह से एडमिशन बढ़े

केडीपीएम हाई स्कूल में, बच्चों के रिज़ल्ट पर Google Future Classroom प्रोग्राम का असर दिखने लगा है. कमिश्नर के मुताबिक, “Chromebook, Google Workspace, और K-Yan डिवाइस इस्तेमाल कर रहे छात्र-छात्राओं के सभी विषयों के ग्रेड में औसतन 15% का सुधार हुआ है. इसी का नतीजा है कि स्कूल में होने वाले दाखिले में, पहले के मुकाबले 12% की बढ़ोतरी हुई है.”

अगला कदम क्या है

सबसे अच्छी बात यह है कि अब एक-दूसरे से कनेक्ट की गई कक्षाओं को कहीं से भी ऐक्सेस किया जा सकता है. Google Future Classroom प्रोग्राम की मदद से, पूरे भारत के स्कूलों में पढ़ाई करने के तरीके में बदलाव हो रहा है. इस प्रोग्राम की वजह से, बच्चे अब रटने के बजाय समझकर पढ़ाई करने लगे हैं. शिक्षक अब टेक्नोलॉजी के बजाय, पढ़ाने पर फ़ोकस कर सकते हैं. साथ ही, छात्र-छात्राओं को ज़्यादा अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.

जीवीएमसी ने 147 स्कूलों में, Google Future Classroom प्रोग्राम की शुरुआत की है. इसकी वजह से, 21,800 छात्र-छात्राओं और 600 शिक्षकों को बेहतरीन अनुभव मिला है. अगले चरण के लिए, जीवीएमसी इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपने क्षेत्र के बाकी स्कूलों में करेगी, ताकि सभी छात्र-छात्राओं को उन लर्निंग टूल का ऐक्सेस मिल सके जिनकी मदद से वे अपना भविष्य संवार सकते हैं.

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